सोच थी जो बदल गई
वक़्त थी जो रुठ गई
साथ थी जो छोड़ गई
अपनी थी जो भूल गई
ख़्वाब थी जो टूट गई
मासूमियत थी जो लूट गई
सोच थी जो बदल गई
वक़्त थी जो रुठ गई
साथ थी जो छोड़ गई
अपनी थी जो भूल गई
ख़्वाब थी जो टूट गई
मासूमियत थी जो लूट गई
मैं आज भी खड़ा वहीं,गई थी जहाँ तू छोड़
आना नहीं अब तुझे,जाना नहीं अब मुझे
तू शुकून है मेरा,जुनून भी है तू मेरा
रूह है तू मेरी,जान हूँ मैं तेरा
ग़लत हूँ मैं नहीं,पर लगता मैं क्यूँ ग़लत
क्या करूँ मैं तू बता,लगूँ मैं तुझे सही
तलाश हैं मुझे तेरी,तू है कहाँ ये बता
ना बता तू हैं कहाँ’मैं ढूँढ लूँ सारा जहाँ
Thanks for joining me!
Good company in a journey makes the way seem shorter. — Izaak Walton
